Childhood: 10 चीजें जो आप अपने बच्चो के साथ कभी न करें | पेरेंट्स करते हैं ये बड़ी गलतियाँ।
बच्चो के साथ ये गलतियां न करें
वैसे तो हर पेरेंट्स अपनों बच्चो की भलाई ही चाहते हैं लेकिन हमें कभी कभी शायद खुद ही इस बात की जानकारी नहीं होती की हम सही कर रहे हैं या गलत।
ये चीजें आपके बच्चे की दिमाग या शारीरिक तौर पर अपने प्रभाव डालती हैं।
तो आइये देखते है की एक्सपर्ट्स की इसको लेकर क्या राय है और वो कौन ऐसी चीजे हैं जो हमें अपने बच्चो के साथ नहीं करनी चाहिए।
1- बच्चो को गाड़ी में अकेले छोड़ना
बच्चो को साथ गाड़ी में लेकर घूमने जा रहे हैं या किसी रिश्तेदार के यहाँ जा रहे हैं तो कभी कभी रास्ते में थोड़ा समय के काम के लिए अगर आपको बाहर निकलना पड़े तो अपने बच्चो को कभी गाड़ी में अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। बंद गाड़ी में अगर आप की अनुपश्थिति में कुछ भी हो गया तो आपके बच्चो की केयर करने के लिए कोई नहीं होगा। गाड़ी में बच्चो को अकेला छोड़ने को लेकर कई हादसे हो चुके हैं। दुनिया के कई देशो में ये अपराध की श्रेणी में आता है।
2- बच्चो के पास स्मोकिंग करना
अगर आप स्मॉकिंग करने के सौखीन है तो कभी भी अपने बच्चो के आस पास स्मोकिंग न करें क्युकी इससे न सिर्फ उनकी हेल्थ ख़राब होगी बल्कि आपको देखकर उन्हें भी ये गन्दी आदत जरूर लगेगी और फिर आप उसे स्मोकिंग के नुकसान भी बताये तब भी आपका बच्चा स्मोकिंग की लत में पड़ जायेगा और वो उसे छोड़ नहीं पायेगा जैसे अभी तक आप नहीं छोड़ पाए।
3- बच्चो को सोने के लिए अलकोहल देना
पश्चिमी देशो में बहुत से ऐसे पेरेंट्स हैं जो अपने बच्चो को सुलाने की लिए अलकोहल का प्रयोग करते हैं। सोने से पहले बच्चे को थोड़ा अलकोहल देने से आप का बच्चा सो तो जायेगा और आप सुकून भरा समय गुजार सकते हैं लेकिन ये आपके बच्चे की सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक है। यही नहीं आपके बच्चे को आगे चलकर रेगुलर अलकोहल का आदी बना सकता है और कौन सा ऐसा पैरेंट है जो अपने बच्चे को शराबी बनाना चाहेगा।
4- बच्चो को ज्यादा देर रोते हुए छोड़ना
अगर आप अपने बच्चे को ज्यादा देर तक रोते हुए छोड़ देते हैं तो ये बहुत ही गलत है। प्रायः बच्चे तो रोते ही हैं लेकिन उन्हें ज्यादा देर तक नहीं रोते देते रहना चाहिए ये उनके मानसिक स्वास्थ के लिए भी अच्छा नहीं है।
5- अधिक देर तक टीवी या मोबाइल स्क्रीन देखना
मोबाइल हाथ में हो और बच्चे का फेवरेट वीडियो या गेम चल रहा हो तो कोई भी बच्चा उसे लम्बे समय तक देखता रहता है। पैरेंट्स को लगता है की चलो उतनी देर तक को बच्चे के रोने या उसकी शैतानी से जान छूटी लेकिन सच ये है की अगर आपका बच्चा बहुत देर तक मोबाइल या टीवी स्क्रीन देखता है तो उससे न सिर्फ उसकी आँखे ख़राब हो जाएँगी बल्कि उसकी याददाश्त भी कमजोर हो जाएगी।
6- बच्चो को अकेले कुकिंग करने देना
आज कल मायें अपने बच्चियों को जल्दी ही कुकिंग में निपुण करना चाहती हैं जिससे उन्हें कुछ हेल्प मिल सके ये अच्छी बात है की आपकी बच्ची जल्दी कुकिंग सीख कर आपका हाथ बटाए लेकिन ये सब कुछ आपकी निगरानी में होना चाहिए। बच्चो को कभी भी गैस स्टोव या नाइफ को अकेले न उपयोग करने दें वरना ये उनके लिए बहुत घातक हो सकता है।
7- पेट के बल सुलाना
छोटे बच्चे ज्यादतर पेट के बल ही सोते हैं ये तो आपने अक्सर देखा ही होगा। लेकिन अगर आपका बच्चा कई वर्षो से पेट के बल ही सोता है तो ये उसके डाइजेशन सिस्टम के लिए अच्छा नहीं है। अगर बच्चा पेट के बल सोता भी है तो उसे आप सोते समय पीठ के बल कर दें जिससे धीरे धीरे बच्चे की आदत में बदलाव आता है।
8- अधिक फ़ास्ट फ़ूड खिलाना
बच्चो को खाने में फ़ास्ट फ़ूड तो फेवरेट होता है। जिसके लिए आपको उनसे कहना भी नहीं पड़ेगा। फ़ास्ट फ़ूड में पोषक तत्त्व बहुत ही कम होते हैं और ये बच्चे का पेट जल्दी ही भर देते हैं जिससे पोषक तत्वों वाले खाने के लिए पेट में जगह ही नहीं रहती। लम्बे समय तक फ़ास्ट फ़ूड खाने से आपके बच्चे के शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और वो बीमार पड़ सकता है।
9- अधिक मीठा भोजन देना
बच्चे अक्सर मीठा खाने के बहुत शौकीन होते हैं। लेकिन आप ये ध्यान रखें की बच्चो की इस उम्र में उनमे अच्छी ग्रोथ के लिए पोषक तत्वों की बहुत जरुरत होती है अधिक मीठा खाना से आपके बच्चे की मानसिक ग्रोथ धीमी पड़ सकती है और तो और बच्चो के पेट में अक्सर कीड़े पड़ जाते हैं जिनका पता आपको काफी देर से लगता है और ये कीड़े बच्चो के शरीर में रहकर उन्हें अंदर ही अंदर कमजोर कर देते हैं।
10- अधिक पिटाई करना या उन पर मानसिक दबाव बनाना
बच्चो को अच्छे भविष्य की चिंता में कभी कभी कुछ पेरेंट्स उन्हें पढाई करने के लिए उन पर बहुत मानसिक दबाव बनाते हैं या उनकी छोटी छोटी गलतियों पर उनकी बहुत पिटाई करते हैं।ये बिलकुल गलत है याद रखिये की कही अधिक पढाई के दबाव में आपका बच्चा पढाई में तो आगे निकल जायेगा लेकिन जिंदगी के कई रास्तों में वो पीछे रह जायेगा। बच्चो की सही ग्रोथ के लिए बच्चो का पढ़ाइ के साथ साथ फिजिकल एक्टिविटी होना बहुत जरुरी है।