Mars News: मंगल ग्रह पर मिला खजाना, वैज्ञानिक ख़ुशी से हुए पागल, इंसानी बस्तियां बसाना होगा आसान
- क्यूरोसिटी रोवर नासा का भेजा हुआ रोवर है
- सल्फर जीवन की शुरुवात के लिए महत्वपूर्ण कारक है
- मंगल पर इंसानी बस्तियां बसाना होगा आसान
क्यूरोसिटी रोवर मंगल की सतह पर रिसर्च करता हुआ
मंगल ग्रह पर अमेरिका का रोवर क्योरिसिटी काफी लम्बे समय से काम कर रहा है लेकिन अभी हाल ही में इस रोवर ने कुछ ऐसा ढूंढ निकाला है जिससे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई है।
क्यूरोसिटी द्वारा इस खोज से मंगल ग्रह पर जीवन की तलाश आसान हो जाएगी बल्कि वहाँ पर मानव बस्तियां बसाना भी आसान हो जायेगा। दरअसल नासा के इस रोवर ने गलती से एक चट्टान पर चढाई कर दी जिसके बाद वहाँ एक चट्टानी दरार में कुछ दुर्लभ पीले क्रिस्टल देखे ये क्रिस्टल और कुछ नहीं बल्कि सल्फर के टुकड़े थे जो की पूरी तरह से शुद्ध थे।
मंगल ग्रह पर सल्फर का पाया जाना किसी चमत्कार से कम नहीं है क्युकी किसी भी ग्रह पर जीवन की शुरुवात के लिए ये सल्फर बहुत ही आवश्यक होता है।
वैज्ञानिकों को पहले भी ऐसा अंदाजा था की शायद मंगल पर वो सल्फर की खोज कर सके लेकिन क्यूरोसिटी रोवर से अचानक हुई इस खोज से वैज्ञानिकों के होश उड़ा दिए ।
वैज्ञानिकों का मानना है की मंगल पर जिस जगह पर सल्फर की खोज हुई है वहाँ की आस पास की चट्टानों पर सल्फर हो सकता है।
मंगल ग्रह पर अमेरिका के साथ साथ चीन और भारत भी लगातार अपनी रिसर्च कर रहे हैं अभी कुछ वर्ष पहले ही भारत ने अपना मंगल अभियान मंगल ग्रह की कक्षा में भेजा था जहाँ पर उसने मंगल के ध्रुवों पर पानी की बात की थी।
दुनिया के बड़े वैज्ञानिकों का सपना जल्द से जल्द मंगल ग्रह पर इंसानी बस्तियां बसाने की हैं। जिसके लिए बहुत सारे लोगों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है।
कई चरणों में इंसानों को मंगल ग्रह पर भेजा जायेगा जहाँ पर वो ऐसा माहौल तैयार करेंगे जिससे वहाँ रहने वाले इंसानों की जरुरत की चीजों को वही पर बनाया जा सके और धरती पर उनकी निर्भरता कम होती जाये।
इंसान वहाँ रहकर नए नए रिसर्च कर सकेगा और अपने खाने पीने की चीजों को भी वही ऊगा सकेगा। यही कारण है की नासा के क्यूरोसिटी रोवर द्वारा सल्फर की खोज को वैज्ञानिक बहुत बड़ी खोज के रूप में देख रहे है क्युकी जीवन लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कारक है और भविष्य में मंगल पर इंसानी बस्तियां बसाने में बहुत मदद मिलेगी।
भारत ने अभी कुछ समय पहले ही चाँद पर अपना रोवर सफलतापूर्वक पहुंचाया था और मंगल ग्रह पर उसकी कक्षा में घूमने वाला ऑर्बिटर भेजा था लेकिन अभी तक भारत मंगल ग्रह की जमीन पर अपना रोवर नहीं भेज सका है।