Moon - China: चीन का लूनर प्रोब यान चाँद से मिट्टी के सैंपल लेकर वापस धरती पर लौटने में सफल। भारत रह गया पीछे।
- अंतरिक्ष स्पर्धा में भारत हो रहा चीन से पीछे।
- चीन ऐसा करने वाला पहला देश बना।
अंतरिक्ष स्पर्धा में भारत हो रहा चीन से पीछे
वैसे तो चाँद को लेकर अलग अलग देशो के वैज्ञानिको केबहुत सारेमत हैं लेकिन आज जितने भी देश अपना यान चाँद पर भेज चुके है उनमे एक होड़ सी लगी है की जालिद से जल्दी चाँद पर रिसर्च कर वह पर भी अपना अधिकार जमाया जाये।
5 दशक पहले अमेरिका की चाँद पर मानव उतरने के साथ ही ये दौड़ शुरू हुई थी और आज भी लगातार जारी है और इसमें चीन को भी हमेशा अच्छी कामयाबी मिली है। हालाँकि जब से भारत की रूचि अंतरिक्ष में बढ़ी है तब ही से चीन आये दिन नए नए यान अंतरिक्ष में भेजता रहता है।
चीन को ये डर है की कही भारत की चाँद पर बढ़ती महत्वाकांक्षा से चीन पीछे न रह जाये इसीलिए वो आये दिन चाँद पर रिसर्च के लिए नए नए यान भेजता रहता है उन्ही यानो में से एक चांग 6 मिशन का लूनर प्रोब ( Chang'e 6 Lunar Probe ) चाँद के अँधेरे हिस्से से मिट्टी के सैंपल लेकर धरती पर सफलता पूर्वक पहुंच चुका है।
चाँद के दक्षिणी सतह की मिट्टी अपने अंदर बहुत सारे राज छुपाये हो सकती है क्युकी ये मिट्टी प्राचीन ज्वालामुखियों के लावा से बनी हो सकती है। इस मिट्टी के शोध से वैज्ञानिको को चाँद के बनने से लेकर उसमे पाए जाने वाले तत्वों की सही जानकारी मिल सकती है।
चीन स्पेस एजेंसी के अनुसार "Chang'e 6 Lunar मिशन पूरी तरह से सफल रहा और वो मिट्टी के सैंपल लेकर धरती पर सफलता पूर्वक लौट आया है "
आपको ये जानकारी देना चाहूंगा की चीन दुनिया का पहला वो देश बन चुका है जिसने चाँद के दक्षणी हिस्से से मिट्टी के सैंपल लाने में सफलता हासिल की है।
चीन के लैंडिंग रोवर ने मिट्टी के सैंपल लेने के लिए दक्षिणी छोर पर रोबोटिक हाथ का इस्तेमाल करके वहाँ पर एक गड्ढा किया और न सिर्फ मिट्टी के सैंपल एकत्र किये बल्कि वहाँ पर चीन का झंडा भी लगाया जो की हर चीनी नागरिक के लिए गर्व का विषय है।
आप को बताते चले की चीन का ये लूनर 4 जून को सफलता पूर्वक चाँद के दक्षिणी सिरे पर सफलता पूर्वक उतरा था जिसकी बधाई चीन के राष्ट्रपति ने भी अपने देश के वैज्ञानिको को दी थी।
क्या है भारत की चिंता -
चीन के लगातार चाँद पर यान भेजने और वहाँ पर रिसर्च करने के कारण उसके हाथ चाँद के छिपे हुए राज लग सकते हैं जिनका पता अभी तक भारत लगाने में असमर्थ रहा है यही कारण है की भारत भी इसमें पीछे नहीं रहना चाहता और लगातार चाँद पर जाने के लिए रिसर्च कर रहा है।
चीन के लिए गर्व की बात -
भारत और चीन के बीच लगातार बढ़ती स्पर्धा किसी से छुपी नहीं है ऐसे में जब भी चीन अंतरिक्ष में बड़ी सफलता प्राप्त करता है तो ये उनके नागरिको के लिए गर्व का पल होता है और भारत के नागरिक अपने वैज्ञानिको की तरफ आशा भरी नज़रो से देखने लगते हैं।
आपको बता दे की भारत भी अपना रोवर चाँद के दक्षिणी हिस्से पर सफलतापूर्वक उतार चुका है लेकिन अभी तक हम रोवर को वापस धरती पर नहीं लाये हैं। चीन दुनिया का पहला देश बन चुका है जो चाँद के दक्षिणी हिस्से से सफलतापूर्वक वापस धरती पर भी लौट आया है।
अंतरिक्ष में बढ़ती स्पर्धा -
वैसे तो अमेरिका ने कई दशक पहले ही चाँद पर मानव भेजकर इतिहास रच दिया था लेकिन चाँद पर चीन और भारत की बढ़ती दिलचस्बी ने अमेरिका को एक बार फिर से चाँद की तरफ आकर्षित होने के लिए मज़बूर कर दिया है यही कारण है की अमेरिका जल्द ही अपना मानव मिशन चाँद पर भेजने वाला है।