Modi-Putin: पुतिन दे रहे मोदी को धोख़ा ! भारत के बजाए चीन से हैं ज्यादा मज़बूत रिश्ते, रूस और चीन के बीच फसा भारत
- चीन ने यूक्रेन युद्ध में हथियारों से रूस की मदद की
- अमेरिका और भारत के बीच बहुत बड़ा व्यापार
- अमेरिका के लिए भारत से ज्यादा पाकिस्तान महत्वपूर्ण
रूस और चीन के बीच फसा भारत
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश को इस मुहाने पर ला दिया है की अब जब भारत का प्रधानमत्री कही जाता है तो दुनिया उस पर नज़र रखती है। ये बात तो सच है की भारत की दुनिया में अहमियत बढ़ी है।
आज जब चीन और रूस के बीच लगातार रिश्ते पहले से भी ज्यादा मज़बूत होते जा रहे हैं तो ऐसी स्तिथि में रूस को अपना सहयोगी बनाये रखना बहुत ही कठिन होता जा रहा है। हम सबने देखा की चीन भारत की तरह अमेरिका और रूस दोनों के पाले में अपना एक एक पैर नहीं रखता। दुनिया के हर स्तम्भ पर चीन रूस के साथ बराबरी से खड़ा रहता है और वो यूरोप और अमेरिका की परवाह नहीं करता।
चीन और रूस के बीच में फसा भारत -
रूस और रूस के लोगो के दिलों में भारत के लिए हमेशा से प्यार रहा है लेकिन राजनीती के चौराहे पर आज रूस का झुकाव चीन की तरफ ज्यादा देखा जा रहा है। क्युकी रूस और यूक्रेन की जंग में चीन ने रूस का खुल कर समर्थन किया बल्कि हथियारों से भी मदद दी जो भारत न कर सका।
भारत खुल कर यूरोप और अमेरिका की खिलाफत नहीं कर सकता क्युकी भारत अपने पैरो पर नहीं खड़ा है। आज भारत का अमेरिका से बहुत बड़ा व्यापार है और अगर भारत अमेरिका की खुल कर खिलाफत करता है तो अमेरिका का झटका भारत बर्दास्त नहीं कर सकता।
प्रधानमंत्री मोदी अपनी झप्पियों से पुतिन और रूस के लोगो का समर्थन जारी रखना चाहेंगे लेकिन रुस को भी पता है की किसी भी खतरनाक स्तिथि में भारत खुल कर रूस का समर्थन नहीं कर पायेगा।
अमेरिका का पाकिस्तान से लगाव -
हम सभी भारतीय ये बात अच्छी तरह से जानते हैं की भारत से नजदीकी सम्बन्ध होते हुए भी अमेरिका ने हमेशा पाकिस्तान को भारत से ऊपर रखा है। अमेरिका के ही दिए हुए लड़ाकू विमानों से हाल ही में पाकिस्तान ने भारत के विमानों पर हमला किया था जिसमे अभिनन्दन को अपना विमान छोड़ कर पाकिस्तान में लैंड करना पड़ा। अमेरिकन लड़ाकू विमानों के इस्तेमाल पर अमेरिका भी मुकर गया था जबकि हमारी वायु सेना का कहना था की पाकिस्तान ने अमेरिकन लड़ाकू विमानों का प्रयोग किया था।
अपने पैरो पर नहीं खड़ा है भारत -
भारत पर 150 करोड़ की जनसँख्या का बोझ है आज भारत दुनिया की सबसे बड़ी जनसँख्या वाला देश बन गया है। बढ़ती जनसँख्या का सही लाभ भारत को नहीं मिल पा रहा है। एक समय चीन की जनसँख्या भारत से भी ज्यादा थी लेकिन चीन की सही पॉलिसी ने उनकी युवा शक्ति का सही इस्तेमाल कर लिया और वो आज इतनी बड़ी महाशक्ति बन गया है की अमेरिका को भी आँख दिखाने लगा है।
जबकि भारत का आधे से ज्यादा युवा इंस्टाग्राम पर रील और यूट्यूब वीडियोस में अपना रोज़गार ढूंढ रहा है बाकी सरकारी नौकरियों की तैयारी में अपने जीवन के सबसे महत्वपूर्ण समय को बर्बाद कर रहे हैं।