Donald Trump: अमेरिका के भूतपूर्व राष्ट्रपति और राष्ट्रपति पद के दावेदार डोनाल्ड ट्रम्प जानलेवा हमले में बाल बाल बचे
- डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति पद के दावेदार हैं
- हमले में डोनाल्ड ट्रम्प की जान बाल बाल बची
- रूस ने बाइडेन को जिम्मेदार ठहराया
डोनाल्ड ट्रम्प पर जान लेवा हमला
ट्रम्प पर हमले की बहुत दिनों से कोशिश हो रही थी और उनके समर्थक इस बात को जानते थे की मौजूदा अमेरिका में ट्रम्प के खिलाफ ऐसा माहौल बनाया जा रहा है की उनके ऊपर हमला हो सकता था और बिलकुल ऐसा ही हुआ।
ट्रम्प भारत के भी बहुत बड़े समर्थक के रूप में जाने जाते हैं। ट्रम्प हमेशा बातों को स्पस्ट रूप में बोलते हैं और वो हमेशा से ही कड़े निर्णय लेने की लिए भी जाने जाते हैं।
जा सकती थी ट्रम्प की जान -
जैसा की हम जानते हैं की डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के भूतपूर्व राष्ट्रपति रहे हैं और मौजूदा समय में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं।
ऐसे में ट्रम्प जैसी सख्शियत पर अमेरिका के भीतर ही हमला होना अमेरिका की मौजूदा सुरक्षा इंतजाम पर भी सवाल उठाता है जो अमेरिका की सरकार भूतपूर्व राष्ट्रपति या कहे की राष्ट्रपति उम्मीदवार की सुरक्षा नहीं कर सकता उनसे दूसरों की सुरक्षा की क्या उम्मीद की जाये।
इस हमले में हमलावर की बन्दूक से निकली गोली ट्रम्प के कान को छूकर निकल गई।ट्रम्प की जान बच गई लेकिन उसके पीछे अमेरिका की सुरक्षा इंतजाम पर बड़े सवाल खड़े कर गई।
कौन था हमलावर -
पेन्सिलवेनिया में एक रैली के दौरान डोनाल्ड ट्रम्प पर जो हमला हुआ उसमे उनकी जान बाल बाल बची। इस हमले में एक ट्रम्प समर्थक की मौके पर ही मौत भी हो गई।
अमेरिकन ख़ुफ़िया एजेंसी FBI ने हमलावर की पहचान कर ली है। हमलावर 20 वर्ष का नवयुवक था जिसका नाम थॉमस मैथ्यू क्रूक्स था लेकिन पुलिस ने उसे मौके पर ही मारगिराया।
हमलावर ने ट्रम्प को मारने की कोशिश क्यु की इसकी अभी तक सही वजह का पता नहीं लगाया जा सका।
बाइडेन ने हमला करवाने से किया इंकार -
एक तरफ जहाँ रूस ये कह रहा है की बाइडेन ने ऐसा माहौल तैयार किया की ट्रम्प पर हमला हुआ वही दूसरी तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा की वो ट्रम्प पर हुए हमले की निंदा करते हैं और अमेरिका में किसी भी तरह की कोई हिंसा की जगह नहीं है।
राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा की डोनाल्ड ट्रम्प इलेक्शन में राष्ट्रपति पद के दावेदार हैं इसका मतलब ये नहीं की वो हमारे दुश्मन हैं।
रूस क्यों कर रहा ट्रम्प का सपोर्ट -
जैसा की हम सब जानते हैं की ट्रम्प शुरू से ही विश्व में शांति की कामना करते आएं है और वो किसी भी प्रकार के युद्ध का समर्थन नहीं करते हैं।
जब डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति थे तब रूस के साथ उनके बहुत अच्छे सम्बन्ध भी थे। उन्होंने नार्थ कोरिया के मामले में भी समस्या को सुलझाने की बात कही थी।
उनका कहना था की दूसरे युद्धों के बीच में फसकर आज अमेरिका कमजोर होता जा रहा है और वो नहीं चाहते की अमेरिका किसी देश की अंदरूनी मामले में अपनी नाक डाले।
लोगों का ये भी मानना है की आज अगर डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के राष्ट्रपति होते तो शायद रूस ने यूक्रेन पर हमला न किया होता।