Ismail Haniya: दुनिया की सबसे लक्ज़री लाइफ जीने वाला आतंकवादी, इस्माइल हानिया ईरान की राजधानी तेहरान में मारा गया
- इस्माइल हानिया इजराइल हमले का मास्टरमाइंड
- इस्माइल हानिया हमास का सबसे बड़ा नेता था
- ईरान के तेहरान शहर में हुआ ढेर
हमास नेता इस्माइल हानिया
इजराइल की सुरक्षा एजेंसी का मानना है की इस हमले का सबसे बड़ा मास्टर माइंड गाजा में 1963 को पैदा हुआ हमास नेता इस्माइल हानिया Ismail Haniya था जो कि लम्बे समय से क़तर में रह रहा था।
हमास की आंतरिक मतभेदों को मिटाकर उसे एकजुट और मजबूत बनाने में हनिया का बहुत बड़ा योगदान था। वो हमास के सबसे बड़े और प्रसिद्ध नेता के रूप में जाना जाता था।
कल 30 जुलाई 2024 को ईरान के तेहरान शहर में इस्माइल हनिया Ismail Haniya की हत्या हो गई। तेहरान के सरजमीं पर हमास के सबसे बड़े नेता का मारा जाना न सिर्फ ईरान की इंटेलिजेंस की बहुत बड़ी नाकामयाबी है बल्कि हनिया के दुश्मनों की बहुत बड़ी जीत भी है।
दुनिया भर में लोगो ने कयास लगाने शुरू कर दिए हैं की हनिया को इजराइल की इंटेलिजेंस ने मारा होगा हालाँकि अभी तक इजराइल ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है।
हनिया जो की हमास के पॉलिटिकल व्यूरो का प्रमुख था की हत्या से पहले उसके परिवार के कई लोग अलग अलग हमलों में मारे जा चुके हैं जिसमे उसके तीन बेटे , पोते पोतियां और बहन भी शामिल है।
अक्टूबर में जब इजराइल पर हमला हुआ था तब से इजराइल के ख़ुफ़िया एजेंसी हमास के सभी नेताओं और उनसे जुड़े लोगों को ढूढ़ ढूढ़ कर मार रही है।
हानिया की मौत न सिर्फ हमास के लिए एक बड़ा झटका है बल्कि ईरान की सरजमीं पर उसका मारा जाना ईरान की भी बहुत बड़ी हार है।ईरान के पूर्व नेता रईसी की मौत भी जल्द हुई थी और उसके पीछे भी इजराइल के होने का अंदेशा लगाया जा रहा था।
इस्माइल हानिया का सफर -
Ismail Haniya इस्माइल हनिया का जन्म 1963 में गाजा पट्टी के एक शरणार्थी शिवर में हुआ था वैसे तो हनिया को एक व्यावहारिक नेता के रूप में पहचाना जाता था लेकिन अमेरिका ने उसे 2018 में आतंकवादी घोषित किया हुआ था जिसके कारण इस्माइल हनिया ज्यादातर छुप कर ही रहता था।
गाजा के इस्लामिक विश्वविद्यालय में पढ़ाई के समय ही हनिया मुस्लिम ब्रदरहुड की छात्र शाखा से जुड़ा था और 1987 में हमास संगठन में शामिल हुआ था। हमास की स्थापना इसरायली कब्जे के खिलाफ में फलीस्तीन में हुआ था। हनिया कई साल पहले भी इजराइल की जेल में रह चुका था और बाद में उसे छोड़ दिया गया था।
फलस्तीन के आध्यात्मिक नेता शेख अहमद यासीन के कार्यालय का प्रमुख बनने के बाद 2006 में हनिया को फलस्तीन प्राधिकरण का प्रधानमंत्री बनाया गया। प्रधानमंत्री के रूप में हनिया ज्यादा समय तक नहीं रह पाया और फलस्तीन नेशनल अथॉरिटी ने उसे प्रधानमंत्री के पद से हटा दिया।
हमास जैसे जैसे ताकतवर होता गया वैसे ही उसने पूरे गाजा में अपना नियंत्रण कर लिया और हनिया को 2017 में हमास संगठन का पोलिटिकल व्यूरो का चीफ चुना गया।
इजराइल पर हमले का मास्टरमाइंड -
वैसे कहने को तो हमास जैसे संगठन का प्रमुख हनिया Ismail Haniya एक पोलिटिकल नेता था लेकिन इजराइल पर अक्टूबर में हुए हमले के पीछे उसी का दिमाग बताया जा रहा था। हमले के समय हनिया ने क़तर में शरण ले रखी थी और इजराइल की एजेंसी उसे मारने के प्रयास में थी।
इजराइल की सुरक्षा एजेंसी ने इजराइल पर अक्टूबर में हुए हमले में शामिल सभी लोगो को मौत के घाट उतारने की कसम खाई थी और इजराइल को इसमें बड़ी सफलता मिल चुकी है।
हमले के बाद से कितना बदला गाजा -
करे कोई और भरे कोई ये कहावत गाजा के ऊपर बिलकुल सटीक बैठती है। हमास गाजा क्षेत्र का एक चरमपंथी संगठन है और खुद गाजा के बहुत से लोग हमास को पसंद नहीं करते लेकिन हमास की गाजा में बहुत बड़ी पकड़ है और कोई उसके खिलाफ बोलने का दम नहीं रखता।
अक्टूबर में जब हमास ने इजराइल पर हमला किया तो पूरे गाजा पर आफत टूट पड़ी थी इसमें बहुत सारे लोग ऐसे भी थे जिनका इजराइल पर हुए हमले से कोई लेना देना नहीं था लेकिन अभी तक गाजा पर हुए हमले में करीब 40 हज़ार लोग मारे जा चुके है और लाखो लोग बेघर हो चुके हैं।
ईरान के साथ बढ़ सकती है टेंशन -
ईरान और इजराइल का लम्बे समय से दुश्मनी है और इजराइल पर हमास द्वारा हुए हमले में ईरान का भी बहुत बड़ा सहयोग था।यहाँ तक की इजराइल पर हमले करने वाला लेबनॉन का आतंकी संगठन हिज़्बुल्लाह भी ईरान से मदद प्राप्त करता है।
इजराइल पर समय समय पर यमन से हूतियों का हमला भी होता रहता है और ईरान द्वारा हूतियों की मदद जग जाहिर है।
अब जब हमास का सबसे बड़ा नेता Ismail Haniya खुद ईरान में ही मारा गया है तब ईरान की तरफ से इजराइल पर जवाबी कार्यवही भी हो सकती है।