Olympic 2024: ओलम्पिक 2024 में भारत का अब तक शर्मनाक प्रदर्शन, चीन 9 गोल्ड मैडल के साथ पहले नंबर पर
- Olympic 2024 में अभी तक चीन पहले स्थान पर
- अमेरिका Olympic 2024 में पंहुचा आठवें स्थान पर
- विश्वगुरु भारत की Olympic 2024 में हालत ख़राब , 39 वें स्थान पर
भारत का अब तक शर्मनाक प्रदर्शन
Olympics 2024 खेलों से पहले बड़े बड़े दावे करने वाले भारत ने अभी तक मात्रा 2 ब्रॉन्ज मैडल ही जीते हैं जो की बहुत ही शर्मनाक है।
भारत 140 करोड़ से ज्यादा जनसंख्या वाला देश है। आज भारत दुनिया में सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन चुका है और हर क्षेत्र में अपने आप को चीन के समकक्ष मानने वाला भारत चीन तो छोड़िये छोटे-छोटे देशो के बराबर भी मेडल्स नहीं जीत पाया।
ओलम्पिक 2024 खेलों का महाकुम्भ फ्रांस के पेरिस शहर में चल रहा है और अभी तक कई देशों ने बहुत सारे मेडल्स जीत लिए हैं। आपको ये जानकर हैरानी होगी की भारत इन खेलों में अभी तक 39 रैंक पर चल रहा है और चीन नंबर 1 पर चल रहा है। चीन ने अभी तक सबसे ज्यादा 9 गोल्ड 7 सिल्वर और 3 ब्रोंज मैडल जीते है जोकि अमरीका के 5 गोल्ड 13 सिल्वर और 12 ब्रॉन्ज मैडल से कही ज्यादा हैं ।
वैसे तो अमेरिका ने कुल मिलाकर चीन से ज्त्यादा मैडल जीतें है लेकिन चीन ने सबसे ज्यादा गोल्ड मैडल जीते हैं इसलिए उसे पहले स्थान पर रखा है।
भारत के पीछे होने का कारण -
दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश Olympic 2024 की रैंकिंग में 39 नंबर पर चल रहा है और अभी इसके और पीछे जाने का अनुमान है। हांगकांग जैसे छोटे देश भी भारत से कहीं आगे हैं। भारत में खिलाडियों की बहुत कमी है और उसका सबसे बाद कारण सरकार द्वारा खिलाडियों और उनकी ट्रेनिंग पर खर्चा न करना।
भारत अपने आप को विश्वगुरु के रूप में देख रहा है लेकिन क्या ये विश्वगुरु बनने वाले लक्षण हैं। ओलम्पिक में 2 ब्रॉन्ज मैडल जीतने वाला भारत या 9 गोल्ड मैडल के साथ 19 मैडल जीतने वाला चीन विश्वगुरु है।
क्रिकेट खा गया भारत के दूसरे खेल -
भारत में दूसरे खेलों के पीछे होने का सबसे बड़ा कारण क्रिकेट को अहमियत देना है । भारत की रैंकिंग क्रिकेट में बहुत ही अच्छी है और अभी हाल ही में भारत ने वर्ल्ड कप भी जीता था। लेकिन क्या सिर्फ क्रिकेट में अच्छा बनकर दुनिया में अपने आपको विश्वगुरु के रूप में साबित कर पायेगा।
भारतीय जनता में क्रिकेट प्रेमी बहुत हैं और हर साल क्रिकेट से होने वाली कमाई अरबो रूपये है यही कारण है की क्रिकेट के खिलाडी लक्जरी जीवन जीते है वही दूसरी तरफ दूसरे खेलों की तैयारी करने वाले खिलाड़िओं को मैडल जीतने के बाद भी गोबर ही उठाना पडता है तो ऐसे में कौन से माता पिता अपने बच्चों को दूसरे खेलों के खिलाडी बनने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
भारत की संसद में भी उठा सवाल -
मै यहाँ किसी का नाम नहीं लेना चाहूंगा लेकिन भारतीय खिलाड़िओं की Olympic 2024 में होती बदतर हालत पर संसद में भी चर्चा हुई और एक संसद सदस्य ने इसके लिए सरकार को घेरा।
उनका कहना था की भारतीय सरकार भले ही मैडल जीतने वाले खिलाडियों को करोड़ों रूपये दे देती है लेकिन नए खिलाडी बनाने और उनकी ट्रेनिंग के लिए भारतीय सरकार फण्ड को क्यों नहीं बढाती।
भारतीय खिलाडियों के बदतर प्रदर्शन और अभी तक भारत की झोली में सिर्फ 2 ब्रॉन्ज मैडल आने के लिए सबसे बड़ी जिम्मेदार भारतीय सरकार है। अगर भारतीय खिलाडियों का प्रदर्शन Olympic में इसी तरह रहा तो भारत कभी भी विश्वगुरु नहीं बन सकता और चीन से हर मोड़ पर बराबरी करने का ख्वाब छोड़ देना चाहिए।
Olympic 2024 में दूसरे देशों की स्तिथि -
आज 01 अगस्त 2024 को पेरिस में हो रहे Olympic 2024 में कुल 9 गोल्ड मैडल के साथ चीन पहले स्थान पर, 8 गोल्ड मैडल के साथ फ्रांस दूसरे और जापान तीसरे स्थान पर, वही ऑस्ट्रेलिया चौथे और ब्रिटेन पांचवे स्थान पर पहुंच चुका है। भारत का स्थान अभी तक 39 है। फिजी जैसा छोटा सा देश भारत से रैंकिंग में ऊपर है यह बात भारत के लिए बहुत ही शर्मनाक है।
भारत के खिलाडी हैं दूसरे देशो से बेहतर -
भारत भले ही Olympic 2024 में अच्छा न कर पाया हो लेकिन इसके जिम्मेदार हमारे देश के खिलाडी बिलकुल भी नहीं है बल्कि मै तो कहूंगा की ऐसे महान खिलाडी शायद ही किसी देश में जन्म लेते हों।
भारत ने जब भी दुनिया के किसी बड़े खेल महाकुम्भ में पदक जीतें है तो उसका श्रेय सिर्फ खिलाड़िओं का ही जाता है क्युकी यहाँ के खिलाडी बिना किसी सरकारी सहायता के अपने आपको उस मैडल के योग्य बनाते हैं जिसके बहुत से उदाहरण है।
एशियाई गेम्स में गोल्ड पदक जीतने वाली बिना पिता के जीवन यापन करने वाली स्वपना बर्मन की मां चाय बागान में एक साधारण मजदूर थी। अब आप समझ सकते हैं की उन्होंने अपनी बेटी को इस गोल्ड मैडल जीतने में क्या क्या संघर्ष किया होगा लेकिन सरकार ने उन्हें गोल्ड मैडल जीतने क बाद भी मात्र 10 लाख रूपये की राशि दी थी।