UAE: कहीं आपका बच्चा भी तो नहीं कर रहा हेडफोन का इस्तेमाल। डॉक्टर्स की चेतावनी को न करें नज़रअंदाज।
बच्चो के द्वारा हेडफोन का इस्तेमाल खतरनाक है
दोस्तों अगर आपका बच्चा भी एक लम्बे समय से हैडफ़ोन का इस्तेमाल कर रहा है और आप एक पेरेंट्स के नाते खुश हो रहे है की मेरा बच्चा तो टैब या लैपटॉप पर समय बिताकर बहुत कुछ सीख रहा है तो अब आगे ये गलतियां न करें वरना आपके बच्चे के लिए ये बहुत खतरनाक हो सकता है।
UAE के डॉक्टर्स ने पेरेंट्स के लिए ये एडवाइस दी है की अपने बच्चे को कम से कम हैडफ़ोन का इस्तेमाल करने दें क्युकी लगातार हैडफ़ोन का प्रयोग से बच्चो की सुनने की क्षमता कम होती जाती है।
जैसे जैसे बच्चे की सुनने की क्षमता कम होती जाती है वैसे वैसे वो डिवाइस की आवाज को और बढ़ा कर हैडफ़ोन का इस्तेमाल करता है जिससे उसका खतरा और बढ़ जाता है।
UAE ही नहीं पूरी दुनिया के बच्चे आज कल एजुकेशनल पर्पस के लिए भी टैब और लैपटॉप्स पर हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं इसके बाद उनका गेमिंग या किसी अन्य कारण से हैडफ़ोन का इस्तेमाल करने से धीरे धीरे उनके सुनने की क्षमता प्रभावित हो रही है।
क्या कहते हैं डॉक्टर्स-
बुरजील डे सर्जरी सेण्टर के प्रसिद्ध डॉक्टर हासिम राउफ अब्दुल रहीम जो की एक नाक कान गला विशेषज्ञ है ने जानकारी दी है की बच्चो के द्वारा लगातार लम्बे समय तक हैडफ़ोन लगाने से सुनने की क्षमता बुरी तरह से प्रभावित हो रही है।
आज कल जो बच्चे गेमिंग में दिलचस्बी रखते है वो ज्यादातर अधिक मनोरंजन के लिए ऊँची आवाज का इस्तेमाल करते हैं जिसकी वजह से धीरे धीरे उनकी सुनने की क्षमता प्रभावित हो रही है।
प्राइम हॉस्पिटल के डॉक्टर प्रशांत शर्मा के अनुसार अधिक समय तक 85db से ज्यादा की आवाज सुनने से कान के सेल ख़राब होने लगते हैं। जिसका सीधा प्रभाव सुनने की क्षमता पर पड़ता है।
अगर आपका बच्चा भी हेडफोन या इअर का इस्तेमाल करता है तो उस पर नज़र रखने की जरुरत है। आप को ये सुनिश्चित कर लेना चाहिए की बच्चा अधिक आवाज में हैडफ़ोन का प्रयोग न करे। साथ साथ हैडफ़ोन या इअर फ़ोन का इस्तेमाल अधिक समय तक न होने पाए।
अधिक हैडफ़ोन के इस्तेमाल से बच्चे के कण के बहरी हिस्से ये कण के ऊपरी हिस्से में भी एक भारी दबाव पड़ता है जिसकी वजह से बच्चे में चिड़चिड़ापन भी देखते को मिल सकता है।
ऐसे में जब लगभग दो महीने की स्कूल की छुटियाँ आ रही है तो सभी पेरेंट्स को यही सलाह है की अपने बच्चो को फिजिकल एक्टिविटीज के लिए प्रोत्साहित करें।
टैब, मोबाइल या लॉपटॉप को अधिक समय तक अपने बच्चो को इस्तेमाल न करने दें। हो सके तो आप भी अधिक से अधिक समय अपने बच्चों को दें जिससे आपके बच्चे गैजेट्स से दूरी बनाकर रखें।