Crime India: IPC को किया गया खत्म, भारत में आज से लागू तीन नए आपराधिक कानून। बदलाव का क्या होगा असर।
भारतीय गृह मंत्री अमित शाह
आज 1 जुलाई 2024 है और आज से ही पूरे देश में तीन नए आपराधिक कानून लागू कर दिए गए हैं। देश भर में कानून लागू होने के बाद पुराने ब्रिटिश कानून को ख़तम कर दिया गया है।कानून में बदलाव का मुख्य कारण देश में बढ़ते अपराध को नियंत्रित करना है।
अब आम लोगो की पुलिस तक पहुंच आसान हो गई है ज्यादातर काम को ऑनलाइन कर दिया गया है जिससे की आम आदमी को आसानी हो जाएगी और बार बार कोतवाली या थाने के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
आइये देखते हैं की क्या क्या बदलाव हुए इन कानून में और कैसे ये आम आदमी पर अपना प्रभाव डालेंगे-
1- पहले आपराधिक मामलों को दर्ज करने के लिए लोगो को थाने और कोतवाली जाकर वहाँ FIR करनी होती थी और FIR लिखने के लिए भी पुलिस बहुत आना कानी करती थी लेकिन अब आप किसी भी अपराध के लिए घर बैठे ऑनलाइन FIR दर्ज़ करा सकते हैं। पुलिस से सम्बंधित सूचना के लिए SMS का प्रयोग किया जायेगा।
2- आपराधिक मामलों में फैसला मुकदमा पूरा होने के 45 दिन के भीतर आना अनिवार्य हो गया है और पहली ही सुनवाई के 60 दिन के भीतर ही आरोप तय किये जाएंगे।
3- नए कानून के मुताबिक 15 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति, महिलाओं , 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगो , गंभीर बीमारी से ग्रषित लोगो तथा दिव्यांग लोगो की मदद पुलिस को उनके घर जाकर करनी होगी
4- नाबालिक के साथ सामूहिक दुष्कर्म के लिए मृत्युदंड या उम्रकैद का प्रावधान रखा गया है। इस नए कानून में महिलाओ और बच्चो की सुरक्षा का बहुत ध्यान रखा गया है। यहाँ तक की बच्चो को खरीदना और बेचने जैसे कामो को जघन्य अपराध की परिभाषा दी गई है।
5- जीरो FIR के तहत अब कोई व्यक्ति अपनी शिकायत किसी भी थाने में करा सकता है चाहे वो उसके क्षेत्र में आता हो या न आता हो। पहले अपराध स्थल के आस पास के थानों या कोतवाली में ही शिकायत लिखी जाती थी और दूसरे क्षेत्र में शिकायत लिखने से मना किया जाता था। जिससे आम आदमी को बहुत परेशानी होती थी।
6- इस नए कानून के अंतर्गत कोई भी गिरफ्तार व्यक्ति को अपनी पसंद के व्यक्ति से संपर्क करने का अधिकार होगा जिसको वो अपनी गिरफ़्तारी के बारे में सूचना दे सके।
7- नाबालिक से दुष्कर्म , झपटमारी , भीड़ द्वारा हमला कर हत्या करना और शादी का झूठा वादा करना जैसे अपराधों के लिए विशेष प्रावधान रखे गए हैं।
8- अब अदालतें किसी भी आपराधिक केस की सुनवाई को अधिकतम दो बार स्थगित कर सकती हैं इसके अलावा गिरफ्तार व्यक्ति की गिरफ़्तारी की सूचना को थानों और जिला मुख्यालयों में प्रदर्शित करना होगा जिससे गिरफ्तार व्यक्ति से उसके मित्र या रिश्तेदार आसानी से उसके बारे में सूचना प्राप्त कर सकें।
9- यदि सजा 10 वर्ष या उससे अधिक की होती है तो दोषियों को घोषित अपराधी घोषित किया जा सकता है। भारत के बाहर भी उनकी सम्पत्तिओं को जब्त करने का प्रावधान बनाया गया है।
10- अब अपराध की लैंगिकता में ट्रांस्जेंडर की परिभाषा को भी शामिल कर लिया गया है जिससे की कानून के परिवेश में सभी को समानता मिल सके।
11- इस नए कानून के अंतर्गत अपराधी के खिलाफ गवाही देने वालों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाएगी।